रायसेन के किले का सच यह पर था पारस पत्थर
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raisen fort। |
1200 ईस्वी में निर्मित यह किला मध्यप्रदेश का एक प्रमुख आकर्षण है।पहाड़ी की चोटी पर इस किले के निर्माण के बाद रायसेन कोइसकी पहचान प्राप्त हुई। बलुआ पत्थर से बना0 हुआ यह किला प्राचीन वास्तुकला एवंगुणवत्ता का एक अद्भुत प्रमाण है, जो इतनी शताब्दियां बीत जाने पर भी शान से खड़ा
हुआ है। विशाल पत्थरों से बनी हुई दीवारें नौ दरवाजों से बाहर खुलती हैं और इनके ऊपर तेरह बुर्ज हैं। आश्चर्यजनक बात यह यह है कि किले में 40 कुओं के साथ जल प्रबंधन एवं संरक्षण का एक उत्तम तंत्र है।
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किले के आसपास के क्षेत्र में भी कई प्राचीन गुफाएं एवं भित्ति चित्र हैं जो हमारे देश के प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति के बारे में बतातेहैं। रायसेन जिला रेल एवं सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
भोपाल से रायसेन पहुंचने के लिए अनेक वाहन उपलब्ध हैं।
रायसेन किले के अंदर जो भवन हैं उनमें बादल महल, रोहिणी महल, इत्रदान महलऔर हवा महल प्रमुख हैं। ऊपर ही 12 वीं सदी के एक शिव मंदिर के होने की भी पुष्टि होती है जिसके पट वर्ष में एक बार महाशिवरात्रि के दिन खोले जाते हैं। लोहे के दरवाजे गिलं गेट में मन्नत मांगते हा रंगीन कपड़े या धागे को बांधने की परंपरा बन गई
है। कुछ लोग तो प्लास्टिक की पन्नियों को ही बांध जाते हैं। उसी पह्मड़ी से लगी हुई कई
किले में मौजूद पारस पत्थर की रखवाली करता है जिन्न
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कहा जाता है कि इस किले में पारस पत्थर है, जिसकी रखवाली जिन्न करते हैं।
पहाडी की चोटी पर बलुआ पत्थर से बना हुआ ये किलो प्राचीन वास्तुकला एवं गणवत्ता का एक अद्भुत प्रमाण है जो इतनी शताब्दियां बीत जाने पर भी शान से खड़ा हुआ है।
इसी किले में दुनिया का सबसे पुराना वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है। इस किले पर शेरशाह सरी ने भी शासन किया था। कहा जाता है यहां के राजा के पास पारस पत्थर था, जिसे किसी भी चीज को छुत्लाभर देने से वह सोना हो जाती थी। कहा जाता है कि इसी पारस पत्थर के लिए कई युद्ध हुए यहां के राजा रायसेन ने हारने के बाद पारस पत्थर को कुएं में फेंक दिया वह कुआं आज भी स्थित है
ऐसा हुआ राजा के साथ फिर
राजा की मौत के बाद यह किला वीरान हो गया। इसके बावजूद उस पारस पत्थर का ढूंढने उस किले में बहुत से लोग गए। ऐसा भी कहा जाता है कि जो भी किले में पत्थर को ढूंढने जाता, उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता। इसके पीछे का कारण बताया गया कि क्योंकि उस पारस पत्थर की रखवाली जिन्न करते हैं। यही वजह है कि उसको ढूंढने के लिए जाने वाला हर इंसान मानसिक संतुलन खो देता है।
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