Friday, 29 March 2019

Samsung A10 features

Samsung Galaxy A10 new launch Mobile this very nice so many features in budget smart phon like water drop display super amolad


Samsung A10 features
Samsung A10 features

Samsung A10 features and Specifications


PERFORMANCE.  Octa core processor
DISPLAY                 6.2" (15.75 cm)
STORAGE.              32 GB
CAMERA.                13 MP
BATTERY.                3400 mAh
RAM2                       GB


LAUNCH DATE IN INDIA.      March 2, 2019 (Official)

OTHER SENSORS.           Light sensor, Proximity sensor,
                                         Accelerometer
 FINGERPRINT SENSOR. No

QUICK CHARGING.          Not. Support
OPERATING SYSTEM.     Android v9.0 (Pie)

SIM SLOTSDual SIM, GSM+GSM, Dual VoLTE
SIM SIZESIM1: Nano SIM2: Nano
NETWORK4G: Available (supports Indian bands) 3G: Available, 2G: Available

Multimedia
LOUDSPEAKER  Yes
AUDIO JACK.      3.5 mm
Performance
CHIPSET.              Samsung Exynos 7 Octa 7884
GRAPHICS.          Mali-G71
PROCESSOR.     Octa core (1.6 GHz, Dual core + 1.35 GHz, Hexa Core)
ARCHITECTURE  64 bit
RAM.                    2 GB
THICKNESS.       7.9 mm
WIDTH.               75.6 mm
WEIGHT.             168 grams
HEIGHT.              155.6 mm
COLOURS.         Black, Blue,
Display
DISPLAY TYPE.  Super AMOLED
ASPECT RATIO. 19.5:9
BEZELLESS DISPLAY. waterdrop notch
PIXEL DENSITY.    271 ppi
SCREEN TO BODY RATIO CALCULATED.  81.16 %
SCREEN SIZE.     6.2 inches (15.75 cm)
SCREEN RESOLUTION. 720 x 1520 pixels
TOUCH SCREEN.  Yes Capacitive Touchscreen, Multi-touch
Storage
USER AVAILABLE STORAGE.  Up to 22.9 GB
INTERNAL MEMORY.               32 GB
EXPANDABLE MEMOR.     Up to 512 GB
USB OTG SUPPORT.         Yes
Camera
ISO control
CAMERA FEATURES
Digital Zoom, Auto Flash, Face detection, Touch to focus
IMAGE RESOLUTION4128 x 3096 Pixels
AUTOFOCUS. Not available
SHOOTING MODE
Continuos Shooting, High Dynamic Range mode (HDR)
RESOLUTION. 5  MP Front Camera
PHYSICAL APERTURE. F2.0
OPTICAL IMAGE STABILISATION. Not available
FLASHYes LED Flash
VIDEO RECORDING. 1920x1080 @ 30 fps

Battery
TALKTIMEUp to 21 Hours(3G)
TYPELi-ion
CAPACITY. 3400 mAh
Network Connectivity
WIFIYes Wi-Fi 802.11, b/g/n
WIFI FEATURES. Wi-Fi Direct, Mobile Hotspot
BLUETOOTH. Yes v5.0
VOLTEYes
USB CONNECTIVITY. Mass storage device, USB charging, microUSB 2.0
SAR VALUEHead: 0.510 W/kg
NFC not available
NETWORK SUPPORT4G (supports Indian bands), 3G, 2G
GPSYes with A-GPS, Glonass
SIM 14G Bands:TD-LTE 2600(band 38) / 2300(band 40) / 2500(band 41) FD-LTE 2100(band 1) / 1800(band 3) / 2600(band 7) / 900(band 8) / 1900(band 2) / 850(band 5) / 800(band 20)3G Bands: UMTS 1900 / 2100 / 850 / 900 MHz2G Bands: GSM 1800 / 1900 / 850 / 900 MHz GPRS:Available EDGE:Available
SIM SIZESIM1: Nano, SIM2: Nano
SIM 24G Bands: TD-LTE 2600(band 38) / 2300(band 40) / 2500(band 41) FD-LTE 2100(band 1) / 1800(band 3) / 2600(band 7) / 900(band 8) / 1900(band 2) / 850(band 5) / 800(band 20)3G Bands: UMTS 1900 / 2100 / 850 / 900 MHz 2G Bands: GSM 1800 / 1900 / 850 / 900 MHz GPRS:Available EDGE:Available


Monday, 25 March 2019

Aghori baba

कौन होते हैं अघोरी, क्या अंतर है नागा साधु और अघोरी मे हिन्दू धर्म में कई प्रकार के साधु होते हैं और इनमें से एक हैं नागा साधु और अघोरी बाबा।

Aghori baba
Aghori baba
देखने में इनकी वेशभूषा एक जैसी लगती है। मगर इनके साधु बनने की प्रक्रिया और रहन-सहन और तप-साधना में काफी अंतर होता है। नागा साधु कुंभ में बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लेते हैं, लेकिन अघोरी बाबा कुंभ में नहीं जाते। आइए जानते हैं नागा और अघोरी में होते हैं कौन-कौन से मुख्‍य अंतर…


1. अघोर बनने की पहली शर्त है अपने मन से घृणा को निकालना। अघोर क्रिया व्यक्त को सहज बनाती है। मूलत: अघोरी उसे कहते हैं जो शमशान जैसी भयावह और विचित्र जगह पर भी उसी सहजता से रह सके जैसे लोग घरों में रहते हैं।

2. अघोरियों के गुरु स्‍वयं भगवान शिव होते हैं। अघोरियों को भगवान शिव का ही पांचवां अवतार माना जाता है। अघोरी श्‍मशान में मुर्दे के पास बैठकर अपनी तपस्‍या करते हैं। मान्‍यता है कि ऐसा करने से उन्‍हें दैवीय शक्तियों की प्राप्ति होती है

3. नागा और अघोरी बाबा के पहनावे-ओढ़ावे में भी काफी अंतर होता है। नागा साधु बिना कपड़ों के रहते हैं। जबकि अघोरी ऐसे नहीं रहते। भगवान शिव के ये सच्‍चे भक्‍त उन्‍हीं की तरह ही जानवरों की खाल से अपने तन का निचला हिस्‍सा ढकते हैं।
Naga sadhu
Naga sadhu

ये भी पड़े :- . कुम्भ मेला क्यों मनाया जाता है
अघोरी शाकाहारी नहीं होते। माना जाता है कि ये न केवल जानवरों का मांस खाते हैं, बल्कि ये इंसानों के मांस का भी भक्षण करते हैं। ये श्‍मशान में मुर्दों के मांस का भक्षण करते हैं।
5. अघोर पंथ के प्रणेता भगवान शिव माने जाते हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव ने स्वयं अघोर पंथ को प्रतिपादित किया था।

6. वाराणसी या काशी को भारत के सबसे प्रमुख अघोर स्थान के तौर पर मानते हैं। भगवान शिव की स्वयं की नगरी होने के कारण यहां विभिन्न अघोर साधकों ने तपस्या भी की है।

आइए आपको अघोरी बाबाओं से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें बताते हैं-


1. अघोरी बाबा श्मशान घाट और तंत्र मंत्र में अपना सारा जीवन व्यतीत करते हैं।
2. अघोरी बाबा कभी भी मांस खाने से पीछे नहीं हटते, वह इंसानी मांस भी खाने को तैयार हो जाते हैं।
3. अघोरी बाबाओं की पूजा कभी भी बिना शराब और गांजे के नहीं होती है।
4. ऐसी मान्यता है कि अघोरी बाबा जिसको आशीर्वाद देते हैं, वह इंसान सदा सुखी रहता है।
5. अघोरी शवों का इस्तेमाल अपनी तंत्र मंत्र की पूजा में करते हैं।
6. यह बाबा हमेशा अपने शरीर में धूल मिट्टी लगाकर चलते हैं।
7. अघोरी बाबा ऐसे तो किसी से कोई मतलब नहीं रखते हैं, लेकिन अगर एक बार वह किसी के पीछे पड़ जाते हैं तो वह पीछे नहीं हटते हैं।
8. अघोरी बाबा इंसान की खोपड़ी में खून पीना पसंद करते हैं, इसी के साथ इन्हें जानवरों का सिर खाना भी बेहद पसंद होता है।
9. ऐसा माना जाता है कि अघोरी बाबाओं को भविष्य देखने आता है।
10. अघोरी बाबा कपड़े के नाम पर शरीर पर सिर्फ एक लंगोट डालते हैं।



Wednesday, 20 March 2019

Van Vihar National Park

Van Vihar National Park is a national park central India. It is located in Bhopal near VIP road .


Van Vihar National Park
Van Vihar National Park

What is Mobile radiation


The animals are kept in their near natural habitat. Most of the animals are either orphaned brought from various parts of the state or those, which are exchanged from other zoos. No animal is deliberately captured from the forest.


Van Vihar National Park
Van Vihar National Park
Van Vihar National Park
Van Vihar National Park

 The capital city of Madhya Pradesh. Declared a national park in 1979, it covers an area of about 4.45 km2. Although it has the status of a national park, Van Vihar is developed and managed as a modern zoological park, following the guidelines of the Central Zoo Authority.

Van Vihar National Park
Van Vihar National Park

Van Vihar is unique because it allows easy access to the visitors through a road passing through the park, security of animals assured from poachers by building trenches and walls, chain-link fence and by providing natural habitat to the animals.
Van Vihar National Park
Vihar National Park snak

Van Vihar categorises animals in two categories, captive and herbivores. All carnivorous animals are kept inside enclosed areas and herbivores are allowed to roam freely.
Van Vihar National Park
Van Vihar National Park


Raisen fort bhopal

Free ranging animals, such as Cheetal, Sambhar, Blackbuck, Blue bull, Nilgai, Chausingha, Wild Boar, Porcupine, Hare, Rhesus Macaque, Red Monkey, Common Langur, etc. are unique features of Van Vihar. There are no enclosures for them except the outer boundaries of Van Vihar. Normally the grass and other plant species growing in Van Vihar are sufficient for these herbivores. However, in summer when the grass is scarce, green fodder produced in the fodder farm and wheat husk procured from the market is provided as a supplement. In its Aquatic Ponds, Star tortoises, turtles, and a variety of fish can be found. Van Vihar also preserves animals belonging to endangered species

holi kyu manate hai | होली क्यों मनाया जाता है

होली का त्योहार  क्यों मनाया जाता है क्या हुआ था होलिका दहन के दिन आइए जानते हैं

holi kyu manate hai
holi kyu manate hai 

एक प्रचलित कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप अपने विष्णु भक्त बेटे प्रहलाद की हत्या करना चाहता था। इसके लिए वो अपना सहन । होलिका की भी सहायता लेते हैं। दरअसल अत्याचार हिरण्यकश्यप ने तपस्या कर भगवान ब्रह्मा से अमर होने का वरदान पा लिया था। वरदान में उसने मांगा था कि कोई जीव-जंतु, देवी-देवता, राक्षस या मनुष्य, रात, दिन, पृथ्वी, आकाश, घर, या वहर मार न सके। इस वरदान से घमंड में आकर वह चाहता था कि हर कोई उसे ही पूजे, लेकिन उसका बेटा भगवान विष्णु का परम भक्त था। उसने प्रहलाद
को आदेश दिया कि वह किसी और की स्तुति न करे, तेकिन प्रहलाद नहीं माना। प्रहलाद के न मानने पर हिरण्यकश्यप ने उसे जान से मारने का प्रण लिया। प्रहलाद को मारने के लिए उसने कई उपाय किए, लेकिन वह हमेशा बचता रहा। उसके अग्नि से बचने का वरदान प्राप्त बहन होलिका के संग प्रहलाद को आग में जलाना चाहा, लेकिन इस बार भी बुराई पर अच्छाई की जीत हुई और प्रहलाद ! बच गया, लेकिन उसकी बुआ होलिका जलकर भस्म हो गई। तभी से होली का त्योहार मनाया जाने लगा।


होली के दिन इन उपायों सेचमकाएं अपना भाग्य, करें येआसान उपाय


होली की रात तो वैसी भी पूजा और ज्योतिष के उपाय करने
के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। दिन पनि म
कर अपना भाग्य मला सकते है। ज्योतिषाचाय के
मुताबिक इस रात को साधना करने से जल्दी ही शुभ फल
मिल जाता है। अतः यदि सहत बार-बार खराब होती हो तो
होलिका दहन के बाद उसकी बची राख यानि भूत को रोगी
के तकिए के नीचे रख दें। इस उपाय को करने से पुरानी से
पुरानी बीमारी ठीक हो जाएगी।
यदि पैसों की बचत न हो पा रही हो तो
होलिका दहन के दूसरे दिन कि बची राख को किसी ताल
रूमाल में बांध लें और उसे अपनी तिजोरी या पर्स में रख
लें। इस टोटके से आपको फायदा मिलेगा।
नौकरी एवं कार की परेशानी यदि आपको व्यापार एवं
नौकरी में परेशानी आ रही हो तो होलिका दहन के बाद एक
जटा वाला नारियल मंदिर या होलिका दहन वाली जगह पर
जसर वढ़वार ।
बुरी नजर से रात के लिए : होलिका दहन के अगले दिन
होलिका की राख से पुरुष तिलक लगाए और स्िय ये
राख अपनी गर्दन पर लगाए। इस उपाय से सभी प्रकार की
बुरी नजर से रक्षा हो सकती है।
होली दहन के समय परिवार के सभी
सदस्यों को होलिका की तीन या सात परिक्रमा करनी ।
चाहिए। परिक्रमा करते समय होलिका में चना, मटर, मेह,
अलसी चलना चाहिए। ऐसा करने पर स्वास्थ्य लाभ के
साथ ही धन लाभ होने के योग भी बनते

ये भी पड़े :- यहां स्थित मां काली की मूर्ति स्वयं ही अपनी गर्दन सीधी कर लेती हैं। 


Holi की भस्म से मिलते हैं फायदे


हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक हिरण्यकश्यप की बहन होलिका के पासऐसा कपड़ा था, जिसे पहनने के बाद वह आग में नहीं जल सकती थी। इसलिएहोलिका अपने भाई के कहने पर उसके बेटे प्रहलाद को लेकर चिता पर बैठगई थी। मगर प्रह्लाद की भक्ति और भगवान विष्णु की कृपा से होलिका भस्म
हो गई थी और भक्त प्रहलाद सकुशल निकल आए थे। मानते हैं कि होलिकाके नाम पर ही होली शब्द रखा गया तब से ही लोग बुराई पर अच्छाई की जीतके प्रतीक के रूप में हर साल होलिका दहन करते हैं। इसके अगले दिन रंगोऔर प्यार से होली का त्योहार मनाते हैं।
लोगों का मानना है कि इस दिन लोग आपस के मन-मुटावों को भूलकर आपसमें प्रेम भी भावना से मिलते हैं, लेकिन इसके साथ एक और मान्यता मानीजाती है। लोग होलिका दहन के अगले दिन सुबह होली जलने के स्थान परजाते हैं और वहां होली की भस्म उडाकर धुलेंडी मनाते हैं। कुछ लोग इस
दौरान होली की भस्म को अपने घर भी लेते हैं। दरअसल, इस भस्म काकाफी महत्व है, इसलिए लोग इसे घर लाते हैं।
एक मान्यता है कि होली की भस्म शुभ होती है और इसमें कई देवताओं कीकृपा होती है। इसको माथे पर लगाने से भाग्य अच्छा होता है और बुद्धि बढ़ती
है। ये भस्म शरीर के अंदर स्थित दूषित ट्रय सौख लेती हैं। इसलिए भस्मलेप करने से कई तरह के चर्म रोग खत्म हो जाते हैं।

विधि विधान से होलिका की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।होलिका पूजन से पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। शास्त्रों की विधि से होली केपूजन के समय पितरों की पूजा पाठ करने से उनकी आत्मा को स्वर्ग में शाति
मिलती है। इससे घर में सुख-शांति आती है और कष्टों से छुटकारा मिलता है।होलिका दहन वाले दिन रात: काल में 108 मखानों की माला बनाकर मदिर मेंलक्ष्मी जी को अर्पित करें। इससे आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होगी।होली के दिन सवा किलो चावल की खीर बनाकर कुष्ठ आश्रम में देने से धन प्राप्ति और
समृद्धि में वृद्धि होगी।
holi kyu manate hai
holi kyu manate hai 


ये भी पड़े :- . कुम्भ मेला क्यों मनाया जाता है


होलिका दहन के समय एक सूखे गोले में बूरा भरकर उसेजलती हई होली की अग्नि में रख दें। होलिका दहन के बाद रात्रि में घर के पूजास्थल पर श्री सूक्त का 11 बार पाठ करने से समृद्धि की प्राप्ति होगी। होलिका दहन
वाले दिन संध्या के समय अपने घर की उत्तर दिशा में शुद्ध घी का दीपक जलाएं।यह रातभर जलता रहे ऐसा करने से घर में सुख शांति आती है। वहीं नारद पुराणके अनुसार होलिका दहन के अगले दिन पितर पूजा के लिए सबसे बेहतर दिन है।
इस दिन तर्पण–पूजा करने से सभी दोषों का निदान हो जाता है।



Saturday, 16 March 2019

lakshmi prapti ke upay

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हिन्दू  धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाया जाता है। सुबह-शाम होने वाली पूजा में भी दीपक जलाने की परंपरा है। ज्योतिष के अनुसार, दीपक जलाते समय 1 मंत्र बोलना चाहिए-



मंत्र
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:।
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।।
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति।।

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ये मंत्र बोलने से मिलते हैं ये 3 फायदे


धर्म ग्रंथों के अनुसार, दीपक जलाते समय ये मंत्र बोलने से शत्रुओं का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
ये मंत्र बोलने से आरोग्य यानी अच्छा स्वास्थ्य तो मिलता ही है साथ ही धन-संपत्ति में भी वृद्धि होती है।
इस मंत्र को बोलने से पापों का नाश होता है और शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है।

वास्तुशास्त्र में दिए गए हैं दीपक जलाने के नियम...

हमारे धार्मिक शास्त्र के अनुसार हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाए जाते हैं। सुबह-शाम होने वाली पूजा में भी दीपक जलाने की परंपरा है।

वास्तुशास्त्र में दीपक जलाने व उसे रखने के संबंध में कई नियम बताए गए हैं। दीपक की लौ की दिशा किस ओर होनी चाहिए, इस संबंध में वास्तुशास्त्र में पर्याप्त जानकारी मिलती है। वास्तुशास्त्र में यह भी बताया गया है कि दीपक की लौ किस दिशा में होने पर उसका क्या फल मिलता है।

1. पूर्व दिशा - दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है। किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सफलता मिलती है -
2. पश्चिम दिशा - दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है।

मंत्र- शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति...

3.  उत्तर दिशा - दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है। किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सफलता मिलती है-
2. पश्चिम दिशा - दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है।

मंत्र- शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति...

3.  उत्तर दिशा - दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है। किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सफलता मिलती है-

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Comady
Comady

        गजब परिवार

एक परिवार मे 5 बहने थी,

एक का नाम था -: टूटी 😶

दूसरी का नाम -: फटी 😋

तीसरी का नाम -: फीकी 😡
    
चौथी का नाम -: मरी 😵

पांचवी का नाम :- भूतनि 👻

एक दिन उनके घर पर  लड़की देखने के लिये मेहमान आए  !

मम्मी ने पूछा , आप कुर्सी पर बैठेगें या नीचे चटाई पर ?

मेहमान:- कुर्सी पर

मम्मी :- टूटी !! कुर्सी लेकर आओ ,

मेहमान :- नहीं नहीं , हम चटाई  पर बैठ जायेंगे ,

मम्मी :- फटी  !! चटाई लेकर आओ ,

मेहमान :- रहने दीजिए , हम जमीन पर ही बैठ जायेंगे ,

( मेहमान जमीन पर बैठ गये)

मम्मी :- आप चाय पीएँगे या दूध ?

मेहमान :- चाय ,
☕☕

मम्मी :- फीकी !! चाय लेकर आओ ,

मेहमान :- नहीं नहीं , चाय रहने  दो , हमें दूध ले आओ ,
🍼🍼
मम्मी :- मरी !! भेस का दूध लेके आओ ,
🐃🐃

मेहमान :- रेहेने दीजिये हमें कुछ भी नहीं चाहियें  😇😇😇😇😇

सिर्फ लड़की दिखाईये ,

मम्मी :- बेटियों !! भूतनि को लेकर आओ ,
☠☠👻👻💀💀

मेहमान :- बेहोश !

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*मूर्खो  के लक्षण*


*मूर्ख* = फ्री में बैलेंस, मोबाइल, pendrive, T-shirt, झुनझुना आदि के लिए मैसेज भेजते रहते  हैं, जो इन्हें कभी नहीं मिलते।

*महा मूर्ख* =ये 2-2 साल पुराने मैसेज को मार्किट में नया है कहकर फारवर्ड करते रहते हैं। जैसे फलां जगह बच्ची मिली है इसे घर वालों तक पहुंचाओ। इनमें तारीख़ नहीं होती। तारीख़ होती तो पोल खुल जाती।

*अखंड मूर्ख* = ऐसे एक्सीडेंट की खबरे भेजते हैं, जो 2 साल पहले हुआ था। इनमें भी तारीख़ कभी नहीं होती।

*विश्व प्रसिद्ध मूर्ख*  =व्यर्थ की साईं इमेज, फूल, पत्ती या 1121 ॐ लिखकर कसम देकर लोगों को फारवर्ड करके अपनी बला ग्रुप के मेम्बरों पर चिपकाते हैं। ( *क्या मिलता है भाई???*)

*ब्रम्हांड प्रसिद्ध मूर्ख*  ="पुजारी मंदिर में पूजा कर रहा था फिर एक सांप/बन्दर आया और उसने इंसान का रूप ले लिया" इसे आगे भेजो लाटरी निकल जायेगी। *(अरे मूर्ख तेरी ही नहीं निकली तो दूसरे की क्या खाक निकलेगी?)*

*मूर्ख के बादशाह*  =अभी अभी पैदा हुए बच्चे के गले में आलपिन फंस गई, 50 लाख लगेंगे *बच्चे के गले में आलपिन कौन डालेगा* ? *कौनसे ऑपरेशन में 50 लाख लगते हैं भाई ?*  ऊपर से बोलेंगे कि *प्रति शेयर 50 पैसा* व्हाट्सऐप की तरफ से मिलेगा। जबकि सच्चाई ये है की व्हाट्सएप्प को 19 बिलियन डॉलर में खरीदने वाले मार्क जकरबर्ग को इससे अभी 25 पैसे नही मिलते।

सबसे बड़ी *बेवकूफी* तो तब होती है जब कोई कहता है कि- "मैसेज आगे भेजो आपकी बैटरी फुल चार्ज हो जायगी"/ *घोडा दौड़ने लगेगा*, भैंस का रंग बदल जायेगा या  ताला खुल जायेगा। *(भाई physics नाम की भी कोई चीज़ होती है।)*

*मूर्ख का कोर्स करने वाले* = किसी आदमी के डॉक्यूमेंट, डिग्रियाँ गिर गए हैं, ये मैसेज उस तक पहुचाने में मदद करें. *(अरे मंदबुद्धि डॉक्यूमेंट आधार कार्ड ,अंकसूचि,परिचय पत्र  में उसका पता नहीं है क्या???)*

*अगर आपको भी बेकार के मैसेज से बचना है तो इसे अन्य ग्रुप में भेजो ताकि चूतिये उन्हें पढ़  लें। आपको फालतू के msg आना बंद हो जायेंगे। और ऐसे पागलो से पीछा छूट जायेगा*।।

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