कौन होते हैं अघोरी, क्या अंतर है नागा साधु और अघोरी मे हिन्दू धर्म में कई प्रकार के साधु होते हैं और इनमें से एक हैं नागा साधु और अघोरी बाबा।
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Aghori baba |
देखने में इनकी वेशभूषा एक जैसी लगती है। मगर इनके साधु बनने की प्रक्रिया और रहन-सहन और तप-साधना में काफी अंतर होता है। नागा साधु कुंभ में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, लेकिन अघोरी बाबा कुंभ में नहीं जाते। आइए जानते हैं नागा और अघोरी में होते हैं कौन-कौन से मुख्य अंतर…
1. अघोर बनने की पहली शर्त है अपने मन से घृणा को निकालना। अघोर क्रिया व्यक्त को सहज बनाती है। मूलत: अघोरी उसे कहते हैं जो शमशान जैसी भयावह और विचित्र जगह पर भी उसी सहजता से रह सके जैसे लोग घरों में रहते हैं।
2. अघोरियों के गुरु स्वयं भगवान शिव होते हैं। अघोरियों को भगवान शिव का ही पांचवां अवतार माना जाता है। अघोरी श्मशान में मुर्दे के पास बैठकर अपनी तपस्या करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उन्हें दैवीय शक्तियों की प्राप्ति होती है
1. अघोर बनने की पहली शर्त है अपने मन से घृणा को निकालना। अघोर क्रिया व्यक्त को सहज बनाती है। मूलत: अघोरी उसे कहते हैं जो शमशान जैसी भयावह और विचित्र जगह पर भी उसी सहजता से रह सके जैसे लोग घरों में रहते हैं।
2. अघोरियों के गुरु स्वयं भगवान शिव होते हैं। अघोरियों को भगवान शिव का ही पांचवां अवतार माना जाता है। अघोरी श्मशान में मुर्दे के पास बैठकर अपनी तपस्या करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उन्हें दैवीय शक्तियों की प्राप्ति होती है
3. नागा और अघोरी बाबा के पहनावे-ओढ़ावे में भी काफी अंतर होता है। नागा साधु बिना कपड़ों के रहते हैं। जबकि अघोरी ऐसे नहीं रहते। भगवान शिव के ये सच्चे भक्त उन्हीं की तरह ही जानवरों की खाल से अपने तन का निचला हिस्सा ढकते हैं।
Naga sadhu
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अघोरी शाकाहारी नहीं होते। माना जाता है कि ये न केवल जानवरों का मांस खाते हैं, बल्कि ये इंसानों के मांस का भी भक्षण करते हैं। ये श्मशान में मुर्दों के मांस का भक्षण करते हैं।
6. वाराणसी या काशी को भारत के सबसे प्रमुख अघोर स्थान के तौर पर मानते हैं। भगवान शिव की स्वयं की नगरी होने के कारण यहां विभिन्न अघोर साधकों ने तपस्या भी की है।
आइए आपको अघोरी बाबाओं से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें बताते हैं-
1. अघोरी बाबा श्मशान घाट और तंत्र मंत्र में अपना सारा जीवन व्यतीत करते हैं।
2. अघोरी बाबा कभी भी मांस खाने से पीछे नहीं हटते, वह इंसानी मांस भी खाने को तैयार हो जाते हैं।
3. अघोरी बाबाओं की पूजा कभी भी बिना शराब और गांजे के नहीं होती है।
4. ऐसी मान्यता है कि अघोरी बाबा जिसको आशीर्वाद देते हैं, वह इंसान सदा सुखी रहता है।
5. अघोरी शवों का इस्तेमाल अपनी तंत्र मंत्र की पूजा में करते हैं।
6. यह बाबा हमेशा अपने शरीर में धूल मिट्टी लगाकर चलते हैं।
7. अघोरी बाबा ऐसे तो किसी से कोई मतलब नहीं रखते हैं, लेकिन अगर एक बार वह किसी के पीछे पड़ जाते हैं तो वह पीछे नहीं हटते हैं।
8. अघोरी बाबा इंसान की खोपड़ी में खून पीना पसंद करते हैं, इसी के साथ इन्हें जानवरों का सिर खाना भी बेहद पसंद होता है।
9. ऐसा माना जाता है कि अघोरी बाबाओं को भविष्य देखने आता है।
10. अघोरी बाबा कपड़े के नाम पर शरीर पर सिर्फ एक लंगोट डालते हैं।
दुनिया की सबसे बड़ा अघोरी संत किनाराम बाबा
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