होली का त्योहार क्यों मनाया जाता है क्या हुआ था होलिका दहन के दिन आइए जानते हैं
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holi kyu manate hai |
एक प्रचलित कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप अपने विष्णु भक्त बेटे प्रहलाद की हत्या करना चाहता था। इसके लिए वो अपना सहन । होलिका की भी सहायता लेते हैं। दरअसल अत्याचार हिरण्यकश्यप ने तपस्या कर भगवान ब्रह्मा से अमर होने का वरदान पा लिया था। वरदान में उसने मांगा था कि कोई जीव-जंतु, देवी-देवता, राक्षस या मनुष्य, रात, दिन, पृथ्वी, आकाश, घर, या वहर मार न सके। इस वरदान से घमंड में आकर वह चाहता था कि हर कोई उसे ही पूजे, लेकिन उसका बेटा भगवान विष्णु का परम भक्त था। उसने प्रहलाद
को आदेश दिया कि वह किसी और की स्तुति न करे, तेकिन प्रहलाद नहीं माना। प्रहलाद के न मानने पर हिरण्यकश्यप ने उसे जान से मारने का प्रण लिया। प्रहलाद को मारने के लिए उसने कई उपाय किए, लेकिन वह हमेशा बचता रहा। उसके अग्नि से बचने का वरदान प्राप्त बहन होलिका के संग प्रहलाद को आग में जलाना चाहा, लेकिन इस बार भी बुराई पर अच्छाई की जीत हुई और प्रहलाद ! बच गया, लेकिन उसकी बुआ होलिका जलकर भस्म हो गई। तभी से होली का त्योहार मनाया जाने लगा।
को आदेश दिया कि वह किसी और की स्तुति न करे, तेकिन प्रहलाद नहीं माना। प्रहलाद के न मानने पर हिरण्यकश्यप ने उसे जान से मारने का प्रण लिया। प्रहलाद को मारने के लिए उसने कई उपाय किए, लेकिन वह हमेशा बचता रहा। उसके अग्नि से बचने का वरदान प्राप्त बहन होलिका के संग प्रहलाद को आग में जलाना चाहा, लेकिन इस बार भी बुराई पर अच्छाई की जीत हुई और प्रहलाद ! बच गया, लेकिन उसकी बुआ होलिका जलकर भस्म हो गई। तभी से होली का त्योहार मनाया जाने लगा।
होली के दिन इन उपायों सेचमकाएं अपना भाग्य, करें येआसान उपाय
होली की रात तो वैसी भी पूजा और ज्योतिष के उपाय करने
के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। दिन पनि म
कर अपना भाग्य मला सकते है। ज्योतिषाचाय के
मुताबिक इस रात को साधना करने से जल्दी ही शुभ फल
मिल जाता है। अतः यदि सहत बार-बार खराब होती हो तो
होलिका दहन के बाद उसकी बची राख यानि भूत को रोगी
के तकिए के नीचे रख दें। इस उपाय को करने से पुरानी से
पुरानी बीमारी ठीक हो जाएगी।
यदि पैसों की बचत न हो पा रही हो तो
होलिका दहन के दूसरे दिन कि बची राख को किसी ताल
रूमाल में बांध लें और उसे अपनी तिजोरी या पर्स में रख
लें। इस टोटके से आपको फायदा मिलेगा।
होलिका दहन के दूसरे दिन कि बची राख को किसी ताल
रूमाल में बांध लें और उसे अपनी तिजोरी या पर्स में रख
लें। इस टोटके से आपको फायदा मिलेगा।
नौकरी एवं कार की परेशानी यदि आपको व्यापार एवं
नौकरी में परेशानी आ रही हो तो होलिका दहन के बाद एक
जटा वाला नारियल मंदिर या होलिका दहन वाली जगह पर
जसर वढ़वार ।
नौकरी में परेशानी आ रही हो तो होलिका दहन के बाद एक
जटा वाला नारियल मंदिर या होलिका दहन वाली जगह पर
जसर वढ़वार ।
बुरी नजर से रात के लिए : होलिका दहन के अगले दिन
होलिका की राख से पुरुष तिलक लगाए और स्िय ये
राख अपनी गर्दन पर लगाए। इस उपाय से सभी प्रकार की
बुरी नजर से रक्षा हो सकती है।
होली दहन के समय परिवार के सभी
सदस्यों को होलिका की तीन या सात परिक्रमा करनी ।
चाहिए। परिक्रमा करते समय होलिका में चना, मटर, मेह,
अलसी चलना चाहिए। ऐसा करने पर स्वास्थ्य लाभ के
साथ ही धन लाभ होने के योग भी बनते
होलिका की राख से पुरुष तिलक लगाए और स्िय ये
राख अपनी गर्दन पर लगाए। इस उपाय से सभी प्रकार की
बुरी नजर से रक्षा हो सकती है।
होली दहन के समय परिवार के सभी
सदस्यों को होलिका की तीन या सात परिक्रमा करनी ।
चाहिए। परिक्रमा करते समय होलिका में चना, मटर, मेह,
अलसी चलना चाहिए। ऐसा करने पर स्वास्थ्य लाभ के
साथ ही धन लाभ होने के योग भी बनते
ये भी पड़े :- यहां स्थित मां काली की मूर्ति स्वयं ही अपनी गर्दन सीधी कर लेती हैं।
Holi की भस्म से मिलते हैं फायदे
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक हिरण्यकश्यप की बहन होलिका के पासऐसा कपड़ा था, जिसे पहनने के बाद वह आग में नहीं जल सकती थी। इसलिएहोलिका अपने भाई के कहने पर उसके बेटे प्रहलाद को लेकर चिता पर बैठगई थी। मगर प्रह्लाद की भक्ति और भगवान विष्णु की कृपा से होलिका भस्म
हो गई थी और भक्त प्रहलाद सकुशल निकल आए थे। मानते हैं कि होलिकाके नाम पर ही होली शब्द रखा गया तब से ही लोग बुराई पर अच्छाई की जीतके प्रतीक के रूप में हर साल होलिका दहन करते हैं। इसके अगले दिन रंगोऔर प्यार से होली का त्योहार मनाते हैं।
हो गई थी और भक्त प्रहलाद सकुशल निकल आए थे। मानते हैं कि होलिकाके नाम पर ही होली शब्द रखा गया तब से ही लोग बुराई पर अच्छाई की जीतके प्रतीक के रूप में हर साल होलिका दहन करते हैं। इसके अगले दिन रंगोऔर प्यार से होली का त्योहार मनाते हैं।
लोगों का मानना है कि इस दिन लोग आपस के मन-मुटावों को भूलकर आपसमें प्रेम भी भावना से मिलते हैं, लेकिन इसके साथ एक और मान्यता मानीजाती है। लोग होलिका दहन के अगले दिन सुबह होली जलने के स्थान परजाते हैं और वहां होली की भस्म उडाकर धुलेंडी मनाते हैं। कुछ लोग इस
दौरान होली की भस्म को अपने घर भी लेते हैं। दरअसल, इस भस्म काकाफी महत्व है, इसलिए लोग इसे घर लाते हैं।
एक मान्यता है कि होली की भस्म शुभ होती है और इसमें कई देवताओं कीकृपा होती है। इसको माथे पर लगाने से भाग्य अच्छा होता है और बुद्धि बढ़ती
है। ये भस्म शरीर के अंदर स्थित दूषित ट्रय सौख लेती हैं। इसलिए भस्मलेप करने से कई तरह के चर्म रोग खत्म हो जाते हैं।
दौरान होली की भस्म को अपने घर भी लेते हैं। दरअसल, इस भस्म काकाफी महत्व है, इसलिए लोग इसे घर लाते हैं।
एक मान्यता है कि होली की भस्म शुभ होती है और इसमें कई देवताओं कीकृपा होती है। इसको माथे पर लगाने से भाग्य अच्छा होता है और बुद्धि बढ़ती
है। ये भस्म शरीर के अंदर स्थित दूषित ट्रय सौख लेती हैं। इसलिए भस्मलेप करने से कई तरह के चर्म रोग खत्म हो जाते हैं।
विधि विधान से होलिका की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।होलिका पूजन से पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। शास्त्रों की विधि से होली केपूजन के समय पितरों की पूजा पाठ करने से उनकी आत्मा को स्वर्ग में शाति
मिलती है। इससे घर में सुख-शांति आती है और कष्टों से छुटकारा मिलता है।होलिका दहन वाले दिन रात: काल में 108 मखानों की माला बनाकर मदिर मेंलक्ष्मी जी को अर्पित करें। इससे आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होगी।होली के दिन सवा किलो चावल की खीर बनाकर कुष्ठ आश्रम में देने से धन प्राप्ति और
समृद्धि में वृद्धि होगी।
होलिका दहन के समय एक सूखे गोले में बूरा भरकर उसेजलती हई होली की अग्नि में रख दें। होलिका दहन के बाद रात्रि में घर के पूजास्थल पर श्री सूक्त का 11 बार पाठ करने से समृद्धि की प्राप्ति होगी। होलिका दहन
वाले दिन संध्या के समय अपने घर की उत्तर दिशा में शुद्ध घी का दीपक जलाएं।यह रातभर जलता रहे ऐसा करने से घर में सुख शांति आती है। वहीं नारद पुराणके अनुसार होलिका दहन के अगले दिन पितर पूजा के लिए सबसे बेहतर दिन है।
इस दिन तर्पण–पूजा करने से सभी दोषों का निदान हो जाता है।
मिलती है। इससे घर में सुख-शांति आती है और कष्टों से छुटकारा मिलता है।होलिका दहन वाले दिन रात: काल में 108 मखानों की माला बनाकर मदिर मेंलक्ष्मी जी को अर्पित करें। इससे आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होगी।होली के दिन सवा किलो चावल की खीर बनाकर कुष्ठ आश्रम में देने से धन प्राप्ति और
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वाले दिन संध्या के समय अपने घर की उत्तर दिशा में शुद्ध घी का दीपक जलाएं।यह रातभर जलता रहे ऐसा करने से घर में सुख शांति आती है। वहीं नारद पुराणके अनुसार होलिका दहन के अगले दिन पितर पूजा के लिए सबसे बेहतर दिन है।
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